ऑटो रिक्शा चलाते हुए IAS की तैयारी कर रही है 2 साल की बच्ची की माँ
परिवार का पेट पालने के लिए वह ऑटो ड्राइविंग करती हैं और साथ ही भारतीय प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की तैयारी भी कर रही हैं।
परिवार
का पेट पालने के लिए वह ऑटो ड्राइविंग करती हैं और साथ ही भारतीय
प्रशासनिक सेवा (आईएएस) की तैयारी भी कर रही हैं।
उन्होंने अपने देवर की मदद से ऑटो चलाना सीखा और फिर एक मैकेनिक से 130 रुपए प्रतिदिन के किराए पर ऑटो ले लिया। येम्मल्ला बताती हैं कि उन्हें इसके लिए काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा। शुरू-शुरू में कोई भी उन्हें अपना ऑटो देने को राजी नहीं था क्योंकि वह एक महिला थीं। वह एक दिन में 700 से 800 रुपए प्रतिदिन कमाती थीं लेकिन ईंधन और किराया देने के बाद उनके पास इसकी आधी से भी कम रकम बचती थी।
हालांकि वह पूरे दिन शहर में रिक्शा चलाती थीं लेकिन इस दौरान अखबार पढ़ने का एक भी मौका वह चूकती नहीं थीं। अपनी इस नियमित आदत के चलते उन्होंने इतनी योग्यता अर्जित कर ली कि आज वह आईएएस की तैयारी कर रही हैं। उनका मानना है कि इस सिस्टम का हिस्सा बन कर वह खुद जैसे हजारों की मदद कर सकती हैं।
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