Monday, May 29, 2017

5 यूपीएससी टॉपर से जानिए एक कॉमन सक्सेस फॉर्मूला!


जिस परीक्षा को देश की सबसे कठिन और बड़ी परीक्षा माना जाता हो उसमें अगर आप अपने पहले प्रयास में टॉप कर जाएं तो सच में हैरानी और खुशी की सीमा नहीं रहेगी. ऐसी ही भावनाएं अब 2015 के आईएएस टॉपर बनी दिल्ली की टीना डाबी के अंदर आ रही हैं. महज 22 साल की उम्र और अपने पहले ही प्रयास में आईएएस टॉपर बनने की उपलब्धि इतनी बड़ी है कि खुद टीना को भी इस पर यकीन करने के लिए रिजल्ट को कई बार देखना पड़ा.
पहली बात तो आईएएस की परीक्षा पास करना ही बड़ी बात है और उससे भी खास है उसे टॉप करना. ऐसे में ये सवाल सबके मन में जरूर उठता है कि आखिर वे कौन से खास गुण हैं जिनके कारण हर साल इस परीक्षा में बैठने वाले लाखों प्रतिभागियों में से किसी एक को टॉपर बनाता है. कड़ी मेहनत, त्याग, आत्मविश्वास, लगन ये सारी चीजें इस परीक्षा में सफलता हासिल करने के लिए तो जरूरी हैं ही लेकिन क्या ऐसा भी कुछ होता है जो टॉपर्स को बाकियों से अलग बनाता है. आइए जानें वे खासियतें जो किसी को आईएएस का टॉपर बनाती है.
कितना मुश्किल है आईएएस बनना?
आईएएस यानी कि इंडियन एडमिनिस्ट्रेटिव सर्विस (भारतीय प्रशासनिक सेवा) की परीक्षा संघ लोक सेवा आयोग (UPSC) द्वारा हर साल भारतीय प्रशासनिक सेवा में भर्ती के लिए आयोजित की जाती है. 2015 में IAS की परीक्षा में 10 लाख से ज्यादा प्रतिभागियों बैठे जिनमें से सिर्फ कुल 1078 (178 लोगों को वेटिंग लिस्ट में रखा गया है) लोगों को सफल घोषित किया गया. लेकिन रैंक के आधार पर सिर्फ 180 लोगों को ही IAS बनने का मौका मिला. बाकियों को IFS, IPS और IRS सेवाओं के लिए चुना गया है. इससे पता चलता है कि क्यों IAS बनना सबसे मुश्किल माना जाता है. 10 लाख प्रतिभागियों में से महज 180 लोगों को ही IAS बनने का मौका मिल पाया.

कैसे बनता है कोई IAS टॉपरः
अब आप खुद ही सोचिए जब IAS बनना इतना मुश्किल है तो IAS टॉपर बनना कितना मुश्किल होगा. आखिर वे कौन सी खास बातें है जो किसी को इस बड़े इम्तिहान का टॉपर बनाती हैं? इसका जवाब पिछले कुछ वर्षों के IAS टॉपर्स की जुबानी ही तलाशने की कोशिश करते हैं. सबसे पहले चर्चा अपने पहले ही प्रयास में IAS 2015 की टॉपर बनकर सुर्खियों में छाईं टीना डाबी से करते हैं.
टीना डाबी इस परीक्षा में सफलता के लिए जिन चीजों पर जोर देती हैं वे हैं, धैर्य, कड़ी मेहनत करना अनुशासित रहना और हिम्मत न हारना और उम्मीद न छोड़ना और खुद पर भरोसा रखना है. टीना को पढ़ना पसंद है और वह इस परीक्षा की तैयारी के लिए रोजाना 10-12 घंटे की पढ़ाई करती थीं. यानी सिविल सेवा में सफलता के लिए जो सबसे जरूरी चीज है वो है कड़ी मेहनत, इसलिए एक बात तो जान लीजिए कि इस परीक्षा में सफल होने के लिए कोई शॉर्टकट नहीं है, जितनी ज्यादा मेहनत, सफल होने के उतने ही आसार.
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2015 की IAS टॉपर टीना डाबी
2014 की IAS टॉपर रही इरा सिंघल इस परीक्षा में सफलता का मंत्र देते हुए कहता हैं कि इस परीक्षा की तैयारी कीजिए लेकिन कोई उम्मीद मत रखिए, अपना बेस्ट दीजिए और सबसे बड़ी बात कि पूरे सिलेबस की तैयारी कीजिए, ताकि परीक्षा में आपको कोई सवाल चौंकाने वाला और न पढ़ा हुआ न लगे. इरा कहती हैं कि उन्हें पढ़ने का बहुत शौक है, खासकर वे नॉवेल बहुत पढ़ती हैं. वह कहती हैं कि उनके पास 750 नॉवेल का संग्रह है, जिसे वे कभी जरूर पढ़ेंगी. उनके पढ़ने का यह शौक IAS की तैयारी के दौरान उनके बहुत काम आया.
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2014 की IAS टॉपर इरा सिंघल
साथ ही IAS में सफल होने के लिए इरा की सलाह है कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए सबसे जरूरी है खुद की कमियों और ताकत के बारे में जानना और उन्हें दूर करना और उनके अनुसार तैयारी करना. इसलिए वह खुद की किसी और से तुलना करने से सावधान करती हैं. वह कहती हैं कि दूसरों से अपनी तुलना मत कीजिए, क्योंकि सबकी क्षमताएं अलग-अलग होती हैं. ये मत सोचिए कि कोई 15 घंटे पढ़ता है तो मैं भी उतना ही पढ़ूं, अपनी क्षमता के मुताबिक तैयारी कीजिए. साथ ही इरा तकनीक के इस युग में इस परीक्षा की तैयारी में इंटरनेट की भूमिका पर भी जोर देती हैं.
2013 के आईएएस टॉपर रहे गौरव अग्रवाल कहते हैं कि गलतियों से सीखना जरूरी है, अगर एक-दो बार प्रयास में आपको असफलता मिले तो एक ही गलती को बार-बार दोहराने से बचने के बजाय इस बात का विश्लेषण करें कि आपकी कमियां क्या हैं और उन्हें दूर करने की कोशिश करें. इस परीक्षा की तैयारी के दौरान होने वाले डिस्ट्रैक्शन से बचने के लिए गौरव खुद पर भरोसे की ताकत का मंत्र देते हैं. गौरव आज के जमाने में इंटरनेट के ताकत की बात स्वीकारते हुए कहते हैं कि अब IAS की तैयारी में किताबों के साथ-साथ इंटरनेट से भी काफी मदद मिलती है.
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2013 के IAS टॉपर गौरव अग्रवाल
2012 की IAS टॉपर रही हरिथा कुमार को अपने चौथे प्रयास में सफलता मिली और वे कहती हैं कि मेरे उदाहरण से साफ है कि असफलता मिलने के बावजूद हिम्मत नहीं हारनी चाहिए. वह कहती हैं कि इस परीक्षा की तैयारी के लिए टाइम मैनेजमेंट बहुत जरूरी है. उन्हें मलयालम और अंग्रेजी की किताबे पढ़ने का बहुत शौक है. वे कविताएं और कहानियां भी पढ़ती हैं. वह कहती हैं कि अगर आप कड़ी मेहनत के लिए तैयार हैं तो पूरी कायनात भी आपकी मदद करती है.
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2012 की IAS टॉपर हरिथा कुमार
2011 की IAS टॉपर शेना अग्रवाल कहती हैं कि इस परीक्षा की तैयारी करने वाले को एकांत में रहना चाहिए. वह कहती हैं कि उन्होंने अपने पिछले प्रयासों में की गई गलतियों को सुधारा और IAS बनने का सपना पूरा किया.
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2011 की IAS टॉपर शेना अग्रवाल
इन टॉपर्स की बातों से जो चीजें निकलकर सामने आती हैं उनमें कॉमन यह है कि उनकी सफलता के पीछे है कड़ी मेहनत, धैर्य, पढ़ाई से लगाव, खुद पर भरोसा, हिम्मत न हारना, गलतियों से सीखना और पूरे सिलेबस की तैयारी.
ये कोई अति विलक्षण छात्र नहीं हैं, लेकिन अपने उद्देश्‍य के प्रति इनका फोकस उन्‍हें कामयाब बनाता है. यही है सक्सेस फॉर्मूला.
इस लेख में लेखक ने अपने निजी विचार व्यक्त किए हैं. ये जरूरी नहीं कि आईचौक.इन या इंडिया टुडे ग्रुप उनसे सहमत हो. इस लेख से जुड़े सभी दावे या आपत्ति के लिए सिर्फ लेखक ही जिम्मेदार है.

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