हमारे भारत देश में सबसे महत्वपूर्ण बात होती है संस्कार की जो आज की नई पीढ़ी भूलती जा रही है जिसके लिए सबसे ज़्यादा पेरेंट्स ही जिम्मेदार होते है अगर हम अपने बच्चो को शुरू ही मैनर्स सिखाते चलेंगे तो उनको भी आगे के ज़िंदगी में कोई दिक्क्त नहीं होंगी और वो भी अपने आने वाले जनरेशन में इन बातो के महत्व को ध्यान में रख कर चलेंगे कि उनके आने वाले पीढ़ी को भी भारतीय संस्कृति की जानकारी होनी चाहिए आपका बच्चा जो भी सीखता है अपने माता-पिता या घर के अन्य सदस्य से ही सीखता है तो क्यों न हम हम अपने बच्चे को बचपन से मैनर्स को सिखाये जो उनके लिए अच्छा हो और हम पेरेंट्स भी एक संस्कारी माता -पिता कहलाने के हकदार हो -ये है कुछ सुझाव जिनकी मदद से आप पेरेंट्स को अपने बच्चो मैनर्स सीखने में काफी हेल्प मिलेगी :-
1-बच्चे की हो ऐसी सुबह –बच्चे के सुबह उठने के बाद अपने बड़ो के पैर छूने के लिए कहना चाहिए आज के इस बदलते हुए परिवेश कहीं न कही ये संस्कार हमारे बच्चो को नही मिल पा रहा जिसके लिए आप पति -पत्नी ही जिम्मेदार होते है क्योकि ही हम न्यू जेनरेशन की बातों पर ज़्यादा फोकस करते है जैसे गुड मॉर्निंग एंड आल लेकिन हमें अपनी भारतीय संस्कृति को साथ लेकर चलना चाहिए हम भारत में रह कर अपनी भारतीय संस्कृति को भूल जाये ये हमारे लिए बड़ी कष्टप्रद बात होगी और हमारा बच्चा भारतीय मूल्य को जान भी नही पायेगा,जिसके लिए माता पिता को एक अच्छा और संस्कारी बेटा या बेटी बनाना बहुत जरूरी है और जिससे हमारा बच्चा लोगो की रेस्पेक्ट करेगा ही ही और अपने दोस्तों को भी सिखने में हेल्प करेगा ।
1-बच्चे की हो ऐसी सुबह –बच्चे के सुबह उठने के बाद अपने बड़ो के पैर छूने के लिए कहना चाहिए आज के इस बदलते हुए परिवेश कहीं न कही ये संस्कार हमारे बच्चो को नही मिल पा रहा जिसके लिए आप पति -पत्नी ही जिम्मेदार होते है क्योकि ही हम न्यू जेनरेशन की बातों पर ज़्यादा फोकस करते है जैसे गुड मॉर्निंग एंड आल लेकिन हमें अपनी भारतीय संस्कृति को साथ लेकर चलना चाहिए हम भारत में रह कर अपनी भारतीय संस्कृति को भूल जाये ये हमारे लिए बड़ी कष्टप्रद बात होगी और हमारा बच्चा भारतीय मूल्य को जान भी नही पायेगा,जिसके लिए माता पिता को एक अच्छा और संस्कारी बेटा या बेटी बनाना बहुत जरूरी है और जिससे हमारा बच्चा लोगो की रेस्पेक्ट करेगा ही ही और अपने दोस्तों को भी सिखने में हेल्प करेगा ।
2 –नित्य-क्रिया पे दे जोर :- बच्चे को सुबह उठने के बाद पॉटी जाने को बोलना चाहिए क्योकि आज कल बच्चे timely नहीं जाते है पेरेंट्स को चाहिए उनको इसके इम्पोर्टेंस को बताना चाहिए कि क्या – क्या अच्छाइयां है जिससे आपका बच्चा इन आदतो को आसानी से अपनायेगा जो उसके भविष्य के लिए बेहतर होगा |
3 – टीथ ब्रशिंग की हो आदत :- बच्चे सुबह उठते ही खाने में जुट जाते है उनके ये नहीं पता होता की सुबह उठते ही ब्रश करना चाहिए और ऐसा वो इसलिए करते क्योकि हमारे घर के किचन की खूशबू ही खींच लाती है जिससे बच्चे ये बिल्कुल ध्यान नहीं देते की ब्रशिंग भी इम्पोर्टेन्ट है इसके पेरेंट्स को टीथ ब्रशिंग की आदतें डलवानी चाहिए इसके क्या-क्या फायदे है उनको भी बताना चाहिए जिससे बच्चा आराम से इन आदतो को खुद में शामिल करेंगे |
4 –बच्चो का सही मार्गदर्शन हो – बच्चे हमेशा अपने मन का हर काम करते है लेकिन जब आप माता पिता या परिवार के अन्य लोग उनको समय समय पर चीजो के बारे में बतायंगे की क्या कैसे करे तो वो आसानी सिख लेंगे जैसे -घर में हर वस्तु की एक जगह निर्धारित करे और अपने बच्चो को ये जरूर बताये की जो सामान जहाँ से ले वो वापस उसी जगह पर रख दे अक्सर बच्चे अपने खेलने के टॉयज और सभी वस्तु को यूज़ करने के घर में इधर उधर फेंक देते है ,लेकिन जब आप शुरू इनकी आदत में अच्छी बातें डाल देंगी तो वो आपके सिखाये हुए आदतो पर चलेंगे जिससे आप पेरेंट्स भी खुश और आपका प्यारा बच्चा भी |
“अगर हम पेरेंट्स शुरू से अपने बच्चे को एक सही मार्गदर्शन देंगे ,तो उनको बड़े होने पर हर रास्ते पर चलने में कोई कठिनाई नहीं होंगी जिसके लिए माता पिता को थोड़ी सी मेहनत तो करनी ही होंगी “
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