Saturday, January 6, 2018

एक सपने के सच होने की कहानी

एक शहर (City ) में एक छोटा लड़का (young boy) रहा करता था अपने पिताजी के साथ और उसके पिता (father) जो है वो किसी बड़े आदमी के घोड़े के अस्तबल(Stable) में काम किया करते थे और वो देखता कि किस तरह उसके पिता पूरे दिन घोड़ों (Horses) के साथ रहते है और इतनी मेहनत करते है फिर भी उन्हें वो मान सम्मान कभी नहीं मिलता जो उस घोड़े के मालिक को है जिसके पास सेंकडों अच्छे घोड़े है और साथ ही वह समाज में खूब इज्जत और मान सम्मान भी पाता है | बचपन सपना देखने की उम्र होती है और जवानी उसे सच करने की और ऐसे ही उस लड़के ने भी सपना (Dream) देखना शुरू कर दिया कि एक दिन उसके पास भी इतनी ही दौलत होगी और उसके पास भी घोड़ों का एक बड़ा रेंच होगा जन्हा पर बहुत सारे घोड़े प्रशिक्षित किये जायेंगे और उनका मालिक भी बनेगा |
एक दिन स्कूल में सभी बच्चो से कहा गया कि वो लोग घर जाकर अगली सुबह एक लेख लिखकर लायेंगे जिसमे ये होगा कि वो बड़े होकर क्या करना चाहते है और क्या बनना चाहते है तो इस पर उस लड़के ने रात भर जागकर एक बहुत ही बेहतरीन लेख लिखा और साथ ही अपने सपने (dream) को उसमे पूरी तरह बताते हुए उसमे उसमे 200 एकड़ के अपने सपनों वाले रेंच की फोटो भी बना दी और लड़के ने पूरे मन के साथ वो निबंध लिखा और अगले दिन शिक्षक को दे दिया |
शिक्षक ने सभी कापियां जांचने के बाद परिणाम सुनाया तो लड़के को अजीब लगा क्योंकि उन्होंने उस लड़के द्वारा मेहनत से लिखे गये उस लेख के लिए कोई मार्क्स नहीं दिए थे और उस पर बड़े अक्षरों से फेल लिख दिया इस पर लड़के ने टीचर से वजह पूछी तो टीचर ने कहा बेहतर होता वो कोई छोटा मोटा लेख लिखता क्योंकि तुमने जो लिखा है वो पूरी तरह असम्भव है तुम लोगो के पास कुछ नहीं है इसलिए ऐसा सम्भव ही नहीं लेकिन फिर भी मैं तुम चाहो तो तुम्हे दूसरा मौका दे सकता हूँ | तुम इस निबंध को दुबारा लिखो और कोई वास्तविक लक्ष्य (Real Goal) बना लो मैं तुम्हे दोबारा नंबर देने के बारे में फिर से सोच सकता हूँ |
लड़का उस कॉपी को लेकर घर गया और उस पर काफी सोचा लेकिन उसे पूरी रात नींद नहीं आई अगले दिन वो टीचर के पास जाकर बोला आपको जो करना हो कर सकते है क्योंकि मेरा लेख यही है मैं इसे नहीं बदलना चाहता हूँ और अगर आप मुझे फेल करना चाहते है तो आप अपने फेल को कायम रखिये और मैं अपने सपने को कायम रखता हूँ |
dream come true hindi story
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बीस साल बाद वही शिक्षक कोई अंतर्राष्ट्रीय घुड़दौड़ देख रहा था तो दौड़ के पूरी हो जाने के बाद एक आदमी उनके पास आया और बड़े प्यार से उनको अपना परिचय दिया क्योंकि वह अपनी दुनिया में एक बहुत बड़ा नाम बन चूका था और यह वाही छोटा लड़का था जिसमे सालों पहले यह सपना देखा था |
तो ठीक इसी तरह से हमे अपनी जिन्दगी (life) के बारे में बहुत कुछ बदलना होता है हमे लक्ष्य (goal) निर्धारित करने हटे है और कुछ भी विचलित नहीं होना होता लोग इस बारे में आपसे बहुत कुछ कहते है लेकिन आपको अपने सपने (dream) को पूरा करने में ध्यान देना है और पूरी उर्जा के साथ आगे बढना होता है वही आपको अपनी कामयाबी के पास (dream come true) लेकर जाएगी |

विजेता हर काम को सही तरह से करते हैं

दोस्तों, आज मैं आपको एक ऐसी कहानी बताने जा रहा हु जिसे पढ़कर आपको यह शिक्षा मिलेंगी की आप आपने जीवन में सफ़लता के साथ साथ अपने परिवार को कैसे वक्त दे, तो आईये पढ़ते हैं विजेता हर काम को सही तरह से करते हैं – Story with Moral
Story with Moral

विजेता हर काम को सही तरह से करते हैं – Story with Moral in Hindi

एक समय की बात है, एक लकडहारा एक लकड़ी के व्यापारी से कोई काम मांगने आया और उसे वहा काम मिल भी गया. वे उसे अच्छे खासे पैसे देते थे इसी वजह से उस लकडहारे ने अपनी तरफ से सबसे अच्छा काम करने का निश्चय किया.
उसके मालिक ने उसे एक कुल्हाड़ी दी और जिससें उसे लकड़ी काटनी थी.
पहले ही दिन, उस लकडहारे ने 18 पेड़ लाये.
मालिक ने खुश होकर कहा, ““बहोत अच्छे, बधाई हो!, इसी तरह आगे बढ़ते जाओ!”
अपने मालिक के इन शब्दों से उसे बहोत प्रेरणा मिली, लकडहारे ने अगले दिन और अधिक मेहनत से काम किया, लेकिन उस दिन वह केवल 15 पेड़ ही ला पाया. तीसरे दिन उसने और ज्यादा कोशिश की, लेकिन तीसरे दिन भी वह केवल 10 पेड़ ही ला पाया. और जैसे-जैसे दिन बीतते गये पेड़ो की संख्या कम होते गयी.
ये सब देखते हुए उस लकडहारे ने सोचा की, “मै अपनी ताकत खोते जा रहा हु”. तभी वो अपने मालिक के पास गया और उस से क्षमा मांगने लगा, और कहने लगा की उसे कुछ समझ नहीं आ रहा है की उसके साथ क्या हो रहा है.
तभी मालिक ने पूछा की, “तुमने पिछली बार कब अपनी कुल्हाड़ी को तेज़ (धार देना) किया था?”
लकडहारे ने कहा की, “तेज़? मुझे कुल्हाड़ी तेज़ करने का समय ही नहीं मिलता. मै पेड़ो को काटने में ही व्यस्त रहता हु….”
तब मालिक ने कहा की “बराबर हैं जब तुम्हें पहली बार कुल्हाड़ी दी थी तब वो बहुत तेज थी लेकिन जैसे जैसे उस कुल्हाड़ी से तुम पेड़ काट रहें हो तो उसकी तेज दिनबदिन कम हो रही हैं. और इसलिए तुम पहले जितनी ही मेहनत करके कम पेड़ काट पा रहें हो.
सिख –
हमारा जीवन भी इसी तरह का है. हम जीवन में इस कदर व्यस्त हो जाते है की हमारे पास कुल्हाड़ी तेज़ करने का समय ही नहीं होता है. आज की दुनिया में, हर कोई अपने-अपने कामो में पहले की तुलना में ज्यादा व्यस्त है, लेकिन फिर भी कम खुश है.
ये सब क्यों? क्या ये सब इस वजह है की हम कैसे रहना ये भूल गये है? निच्छित ही हमारे जीवन में बहोत से काम हमें करने होते है. लेकिन इन सब कामो में व्यस्त होते हुए हम हमारे जीवन के सबसे महत्वपूर्ण कामो जैसे अपना व्ययक्तिक जीवन,अपने सह-मित्रो को समय देना, अपने परिवार को समय देना, खुद को समय देना इन सभी को भूल जाते है.
हम सभी को एक लम्बे आराम की जरुरत है ताकि हम खुद के जीवन के बारे में सोच सके, और आगे बढ़ने के बारे में सोच सके.